वास्तु शास्त्र टिप्स के अनुसार घर (Vastu Tips for Home in Hindi, Saral vastu shastra tips in hindi) : प्राचीन भारत मे वास्तुशास्त्र का विज्ञान काफ़ी विकसित था| चाहे महल हो या किला, मंदिर हो या घर, सभी वास्तुशास्त्र के अनुसार स्थापित किए जाते थे| वास्तु क्या है और घर और जीवन मे वास्तु अपनाने मे क्या फायदा है? पढ़ते रहिए यह वास्तु टिप्स और सुखमई बनाए अपने घर का वातावरण और अपनी जिंदगी|
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वास्तु क्या है – What is Vastu?
श्रुष्टि मे हर एक चीज़ मे पाँच प्राकृतिक तत्त्व शामिल है, चाहे पृथ्वी पर हो या बाहर| यह पाँच तत्त्व है अग्नि, वायु, जल, पृथ्वी और आकाश| प्राणियो मे और मनुष्य मे भी यह पाँच तत्त्व शामिल है जो पृथ्वी मे भी है| इन सभी तत्वो के बीच मे क्रिया होती रहती है और यह ज़रूरी है की मनुष्य और उस का घर श्रुष्टि मे पाए इन पाँच तत्वो के साथ पंकित हो या तो संरेखित हो तब जाके संतुलन बनता है और ऐसा वातवारण जो शांति और सुख प्रदान करे| वास्तुशास्त्र पृथ्वी की उर्जा, उजाले की उर्जा, वायु की उर्जा, अवकाश की उर्जा, ब्रह्मांड की उर्जा और चंद्रा और सूर्या की उर्जा पर भी आधारित है| इस वास्तुकला मे दिशा का भी महत्वपुर्ण स्थान है| वास्तु मे मेल होता है विज्ञान का, कला का, ज्योतिष् का और खगोल शास्त्र का| यह है थोड़ी सी जानकारी वास्तु शास्त्र (vastu shastra in Hindi) के बारे में | घर और उस मे रहने वाले व्यक्ति का संबंध कैसा है यह जानिए धन प्राप्ति के लिए वास्तु टिप्स (vastu tips in Hindi for home) मे जो आगे आप देखेंगे|
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर - Vastu shastra tips for home in Hindi
ऐसे तो वास्तु शास्त्र के अनुसार जब घर बनाना चाहे तो सिर्फ़ उस की रचना ही नहीं बल्कि जगह और उस की दिशा और उस का ढलान का भी ख़याल किया जाता है| वास्तु के अनुसार कई नियम है घर की रचना के लिए जैसे की घर का मुख्य द्वार उत्तर या तो उत्तर पूर्व या पूर्व दिशा मे हो, रसोई घर साउथ-ईस्ट याने दक्षिण-पूर्व कोने मे हो, पूजा का कमरा उत्तर मे हो, पानी का संग्रहण, बाथरूम की जगह और सोने का कमरा सभी के निर्धारित जगह होते है| आजकल बहुत कम लोग प्लॉट खरीद के चाहे ऐसा घर बना सकते है इसीलिए वास्तु के अनुसार हो ऐसा संभव नहीं है| फिर भी, घर मे सही वास्तु के लिए यह जनरल वास्तु शस्त्र टिप्स फॉर होम ध्यान मे रखे:
- घर को सॉफ सुथरा रखे
- बिना जरूरत की चीज़े घर मे ना रखे और घर के बाहर निकाल के फेंक दे|
- दो दरवाजे के बीच मे कोई फर्नीचर या अड़चन ना रखे|
- खिड़कियो मे भी कोई अड़चन ना रखे जिस से प्रकाश और हवा आसानी से आ सके|
- घर के आजू बाजू का जगह भी स्वच्छ रखे|
- घर मे फर्निचर ज़्यादा ना रखे और हर एक कमरा खुल्ला और विशाल लगे ऐसे अंदर से सजाए|
- यह है जनरल वास्तु टिप्स इन हिन्दी फॉर होम | घर का पूरा वास्तु होता है और हर एक कमरे का भी वास्तु अलग होता है| पढ़ते रहिए आगे वास्तु टिप्स फॉर हाउस (vastu tips for house)|
वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर की दिशा - Vastu for temple in home in hindi
हर एक घर मे अलग से पूजा का कमरा नहीं हो सकता है मगर पूजा का स्थान तो अवश्य हो सकता है| अगर आप इतने भाग्यशाली है की एक अलग कमरा पूजा के लिए रख सके तो पूजा के कमरे के लिए वास्तु शास्त्र क्या कहता है यह जानिए|
- पूजा का कमरा या पूजा स्थान हमेशा उत्तरी-पूर्व दिशा मे हो तो सब से श्रेष्ट है मगर आप चाहे तो उत्तर की दिशा मे या तो पूर्व की दिशा मे रख सकते है|
- घर की दो या तीन मंज़िले हो तो बिल्कुल नीचे वाले मंज़िल पर मंदिर स्थापित करे|
- मंदिर कमरे के अंदर के पूर्व या पश्चिम भाग मे रखे और मूर्ति भी इन्ही जगह पर रखे|
- ध्यान रहे की मंदिर और मूर्ति दीवार से थोड़ी दूरी पर रखे|
- पूजा कमरे मे सफेद मार्बल हो तो उचित है और दिवारे भी सफेद, हल्के नीले या हल्के पीले रंग की रखे|
- दिया जलाए तो दिया का स्टैंड पूर्व दिशा मे रखे|
- अग्निकुण्ड रखे तो साउथ ईस्ट याने दक्षिण-पूर्वी कोने मे रखे|
- कमरे के अंदर जाने के दरवाजे पर चौखट बनाए|
- रसोई घर मे अगर मंदिर लगाए तो उत्तरी पूर्व दिशा मे रखे मंदिर को ताकि आप हमेशा पूजा के समय पूर्व दिशा मे हो|
यह सरल वास्तु युक्ति आप आसानी से आजमा सकेंगे| आगे देखिए पुर घर का नक्शा वास्तु अनुसार|
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